Mitho Bole Re Papiyo Rut Aayi Fagan - Holi Dhamal Lyrics in Hindi

gadstp

Mitho Bole Re Papiyo Rut Aayi Fagan - Holi Dhamal Lyrics in Hindi

मीठो बोले रे पपैयो रुत आयी फागण की 

मन में आवै ओ पिया थारे सागै सोवण की 

गौरी जोवै बाट पिया थारी, कह गया आवण की


Mitho Bole Re Papiya
Mitho Bole Re Papiyo Rut Aayi Fagan

जेठ जेठाणी सुख स्यू सोवै, सोवै ननद नवेली रे 

कूण सै जनम को बेर निकल्यो मैं सोऊं एकली

मीठो बोले रे पपैयो रुत आयी फागण की 

गौरी जोवै बाट पिया थारी, कह गया आवण की

मीठो बोले रे..... 


चंदा थारे चानण डागलीये पलंग लगायो र 

झुर झुर रोवै गोरड़ी परदेशी क्यूं नही आयो र 

तारा गीण गीण रात बिताऊं, मैं तो फागण की

मीठो बोले रे पपैयो रुत आयी फागण की 

गौरी जोवै बाट पिया थारी, कह गया आवण की

मीठो बोले रे..... 


रात नै सोऊं तो रे ढोला नींद कोनी आवै रे 

एकली सोऊं तो म्हारो जियो घबरावे रे 

सुनी लागे सेज पिया बिन, राता फागण की

मीठो बोले रे पपैयो रुत आयी फागण की 

गौरी जोवै बाट पिया थारी, कह गया आवण की

मीठो बोले रे..... 


पाड़ोसन सिणगार करे म्हारो जी ललचावै रे 

कसणा मेरी काचली रा खुल खुल जावै रे 

चोली की कस टूटन लागी, भीगे लावण की

मीठो बोले रे पपैयो रुत आयी फागण की 

गौरी जोवै बाट पिया थारी, कह गया आवण की

मीठो बोले रे..... 


सोलह बरस री नार नवेली म्हे मुकलावे आयी रे 

जोबानियो भरपूर भंवर म्हारे, मस्त जवानी छाई 

फेर फेर पसवाडो रे रात्यु, बिताऊं फागण की

मीठो बोले रे पपैयो रुत आयी फागण की 

गौरी जोवै बाट पिया थारी, कह गया आवण की

मीठो बोले रे..... 



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