घड़लो थाम ले
घड़लो थाम ले देवरिया कमर बलखाये
नीम की निमोली म्हारे अंग अड़ जाए
घडलो थाम ले देवरिया कमर बलखाये
नीम की निमोली म्हारे अंग अड़ जाए
अंग अड़ जाए देवरिया घड़लो पड़ जाए
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए - २
मै तने बरजू रे देवर लांबी मत ना लाइजे - २
कोई आवे रे, कोई आवे रंग महला में खूटों सो रूप जाए,
घड़लो थाम ले देवरिया |
नीम की निमोली म्हारे अंग अड़ जाए
घडलो तार ले देवरिया कमर बलखाये
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए
देवारियों उतारे तो देवरानी नट जाए
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए - २
मै तने बरजू रे देवर ओछी मत ना लाइजे -२
कोई आवे रे, कोई आवे रंग महला में गिंडी सी गुड़ जाए,
नीम की डाली के म्हारी जोवन अड़ जाए
घड़लो तार ले देवरिया कमर बलखाये
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए
देवरियों उतारे तो देवराणी नट जाए
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए - २
मै तने बरजू रे देवर काली मत ना लाइजे -२
कोई आवे रे, कोई आवे रंग महला में अंधियारों होई जाए,
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए
घड़लो तार ले देवरिया कमर बलखाये
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए
देवराणी उतारे तो देवरियो जल जाए
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए - २
मै तने कहहु रे देवर गोरी गोरी लाइजे -२
कोई आवे रे, कोई आवे रंग महला में दिवलो सो जुग जाए,
नीम की निमोली म्हारे अंग अड़ जाए
घड़लो तार ले देवरिया कमर बलखाये
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए
देवरानी उतारे तो देवरियो जल जाए
नीम की निमोली म्हारे अंग अड़ जाए
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए
नीम की निमोली म्हारे अंग अड़ जाए
नीम की डाली के म्हारी दोगड़ अड़ जाए !!
मैं केवल राजस्थानी संगीत और गीतों को पुनर्जीवित करने के लिए बोल लिख कर लोगों तक पंहुचा रहा हूं। इसका सारा श्रेय इसके मूल संगीतकार और गायक को जाता है।
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