एक राजस्थानी हास्य कविता
दर्द गोडा रो..
संग मोडा रो..।
स्कुटर होन्डा रो...
छानो कोनी रेवै....।।
संग मोडा रो..।
स्कुटर होन्डा रो...
छानो कोनी रेवै....।।
घराँ बाजेडा सोट...
छिटकायडा होठ...।
जाटणी रो रोट...
छानो कोनी रेवै...।।
माँगेडा बूँट...
खायडी सूँठ...।
पावलो ऊँट...
छानो कोनी रेवै...।।
फौजी की फीँत...
भोपी रो गीत...।
झुठी प्रीत...
छानी कोनी रेवै....।।
गाँव का बराती...।
मतलब को साथी...
छानो कोनी रेवै....।।
भाँग खायडो...
दारू पीयेडो...।
अर माँ को बिगाडेडो...
छानो कोनी रेवै....।।
🙊🙉🙊🙉👊👊😜😂😜😝😘😘
0 टिप्पणियाँ