मांचे उपर सौवे सोडियो ! तकियो सौवे खोली मै,
चूल्हे सारे सौवे चींपयो ! बुहारी सौवे खुणै मै,
संत महात्मा चोखा लागे ! तपता आपरे धूणै मै।
राजा रै घर राणी सोवे ! लाट साहब घर लाटणी,
मार काछड़ो सिट्यां तोडै ! चोखी लागै जाटणी।
जैसी चाय छणै कपड़ा मै ! बिसी छणै नही जाली मै,
प्लेटां मे रोटी खाओ भलांई ! मजो तो आवै थाली मै।
चोखो लागे पहलवान ! कसरत करतो अखाड़े में,
नणद भौजाई चोखी लागै ! छल्डयां तोड़ती बाड़े में।
साग बेचती मालण सौवै ! चूड़ो बेचती मणीहारी,
सिर पर दौघड़ लियां कूऐ पर ! जाती सौवै पणीहारी।
छोडा छोलतो खाती सौवै ! कुम्हार सौवै गधी पर,
मार पालथी कलम चलातो ! बाणियो सौवै गद्दी पर।
गाय ठांण पर चोखी लागे ! सांड पिजंरा पोल मै,
नार होणी चावै गुणवंती ! के राख्यो है डोल मै।
नाक मै कांटो कान मै बाली ! सौवै बोरलो मिंडी मै,
देवी देवता चोखा लागै ! मन्दिर और परिण्डी मै।
आँख लाज सूं भरयां चालती ! चोखी लागै सुलक्षणी,
चटक मटक कर दांत काडती ! फिरै गल्यां मै कुलक्षणी।
आमां पर कोयलडी सौवै ! बागां सौवै मोरडी,
काड घूंघटो झालो देवै ! चोखी लागै गोरडी।
चोखा लागै पूर गूदड़ा ! माह पौह में जाडो आवै,
पूत कपूत और खोटो पीसो ! ओडी मै आडो आवै।
नान्यो चोखो लागै आंगणें ! मायं चलातो गाडूड़ो,
जापायत ने चोखो लागै ! अजवायन रो लाडूड़ो।।
🙏🏽🙏🏽 राम राम सा🙏🏽🙏🏽
हौको पीतो सौवे चौधरी ! बैठ्यो घर की पोली मै।
चूल्हे सारे सौवे चींपयो ! बुहारी सौवे खुणै मै,
संत महात्मा चोखा लागे ! तपता आपरे धूणै मै।
गीत गाती सौवे डूमणी !बैठी घर के गोखे पर,
बूढी ठेरी चोखी लागै ! ब्याव सावे के मौके पर।
बूढी ठेरी चोखी लागै ! ब्याव सावे के मौके पर।
राजा रै घर राणी सोवे ! लाट साहब घर लाटणी,
Poem on Rajasthani culture |
मार काछड़ो सिट्यां तोडै ! चोखी लागै जाटणी।
जैसी चाय छणै कपड़ा मै ! बिसी छणै नही जाली मै,
प्लेटां मे रोटी खाओ भलांई ! मजो तो आवै थाली मै।
चोखो लागे पहलवान ! कसरत करतो अखाड़े में,
नणद भौजाई चोखी लागै ! छल्डयां तोड़ती बाड़े में।
साग बेचती मालण सौवै ! चूड़ो बेचती मणीहारी,
सिर पर दौघड़ लियां कूऐ पर ! जाती सौवै पणीहारी।
छोडा छोलतो खाती सौवै ! कुम्हार सौवै गधी पर,
मार पालथी कलम चलातो ! बाणियो सौवै गद्दी पर।
गाय ठांण पर चोखी लागे ! सांड पिजंरा पोल मै,
नार होणी चावै गुणवंती ! के राख्यो है डोल मै।
नाक मै कांटो कान मै बाली ! सौवै बोरलो मिंडी मै,
देवी देवता चोखा लागै ! मन्दिर और परिण्डी मै।
आँख लाज सूं भरयां चालती ! चोखी लागै सुलक्षणी,
चटक मटक कर दांत काडती ! फिरै गल्यां मै कुलक्षणी।
आमां पर कोयलडी सौवै ! बागां सौवै मोरडी,
काड घूंघटो झालो देवै ! चोखी लागै गोरडी।
चोखा लागै पूर गूदड़ा ! माह पौह में जाडो आवै,
पूत कपूत और खोटो पीसो ! ओडी मै आडो आवै।
नान्यो चोखो लागै आंगणें ! मायं चलातो गाडूड़ो,
जापायत ने चोखो लागै ! अजवायन रो लाडूड़ो।।
🙏🏽🙏🏽 राम राम सा🙏🏽🙏🏽
2 टिप्पणियाँ
सुंदर अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंWahhh ji waah k gjb khi h
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