बुटाटी धाम नागौर - Butati Dham Nagaur

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बुटाटी धाम नागौर - Butati Dham Nagaur


Butati dham nagaur
बुटाटी धाम नागौर

चतुरदास जी महाराज बुटाटी धाम नागौर (Butati Dham Nagaur)

बुटाटी धाम आस्था का केंद्र एक मंदिर ऐसा भी है जहा पर पैरालायसिस (लकवे ) का इलाज होता है । यहाँ पर हर साल हजारो लोग पैरालायसिस(लकवे ) के रोग से मुक्त होकर जाते है यह धाम नागोर जिले के कुचेरा क़स्बे के पास है, अजमेर- नागोर रोड पर यह गावं है । लगभग ५०० साल पहले एक संत होए थे चतुरदास जी वो सिद्ध योगी थे, वो अपनी तपस्या से लोगो को रोग मुक्त करते थे ।

मन्दिर में नि:शुल्क रहने व खाने की व्यवस्था भी है। लोगों का मानना है कि मंदिर में परिक्रमा लगाने से बीमारी से राहत मिलती है।

राजस्थान की धरती के इतिहास में चमत्कारी के अनेक उदाहरण भरे पड़े हैं। आस्था रखने वाले के लिए आज भी अनेक चमत्कार के उदाहरण मिलते हैं, जिसके सामने विज्ञान भी नतमस्तक है। ऐसा ही उदाहरण नागौर के 40 किलोमीटर दूर स्तिथ ग्राम बुटाटी में देखने को मिलता है। लोगों का मानना है कि जहाँ चतुरदास जी महाराज के मंदिर में लकवे से पीड़ित मरीज का राहत मिलती है। सन्त चतुरदास जी महाराज के मन्दिर ग्राम बुटाटी में लकवे का इलाज करवाने देश भर से वर्षों पूर्व हुई बिमारी का भी काफी हद तक इलाज होता है। यहाँ कोई पण्डित महाराज या हकीम नहीं होता ना ही कोई दवाई लगाकर इलाज किया जाता। यहाँ मरीज के परिजन नियमित लगातार 7 मन्दिर की परिक्रमा लगवाते हैं| हवन कुण्ड की भभूति लगाते हैं और बीमारी धीरे-धीरे अपना प्रभाव कम कर देती है। शरीर के अंग जो हिलते डुलते नहीं हैं वह धीरे-धीरे काम करने लगते हैं। लकवे से पीड़ित जिस व्यक्ति की आवाज बन्द हो जाती वह भी धीरे-धीरे बोलने लगता है।

यहाँ अनेक मरीज मिले जो डॉक्टरो से इलाज करवाने के बाद निरास हो गए थे लेकिन उन मरीजों को यहाँ काफी हद तक बीमारी में राहत मिली है। देश के विभिन्न प्रान्तों से मरीज यहाँ आते हैं और यहाँ रहने व परिक्रमा देने के बाद लकवे की बीमारी अशयजनक राहत मिलती है। मरीजों और उसके परिजनों के रहने व खाने की नि:शुल्क व्यवस्था होती है।

दान में आने वाला रुपया मन्दिर के विकास में लगाया जाता है। पूजा करने वाले पुजारी को ट्रस्ट द्वारा तनखाह मिलती है। मंदिर के आस-पास फेले परिसर में सैकड़ों मरीज दिखाई देते हैं, जिनके चेहरे पर आस्था की करुणा जलकती है| संत चतुरदास जी महारज की कृपा का मुक्त कण्ठ प्रशंसा करते दिखाई देते।

नागोर जिले के अलावा पूरे देश से लोग आते है और रोग मुक्त होकर जाते है हर साल वैसाख, भादवा और माघ महीने मे पूरे महीने मेला लगता है ।

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