World famous historical silent Ramlila in Bissau

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World famous historical silent Ramlila in Bissau

विश्व प्रसिद्ध ऎतिहासिक मूक रामलीला बिसाऊ जिला झुंझुनू

बिसाऊ में होने वाली रामलीला मूक क्यों होती है? इसके कई कारण हैं।
इस बारे में इतिहासकार डा. उदयवीर शर्मा के अनुसार 176 वर्ष पूर्व जमना नाम की एक साध्वी ने बच्चों को एकत्र कर के रामाणा जोहड़ पर लीला प्रारंभ की थी। उस समय शायद पात्रों को संवाद बोलने में परेशानी आने के चलते और लीला में रावण के वंश सहित हनुमान, बाली-सुग्रीव, जामवंत, नल-नील, दधिमुख आदि पात्रों के चेहरे पर मुखौटे लगा कर लीला का मंचन किया। तब से आज तक बिसाऊ में मूक रामलीला हो रही है। वर्ष 1949 से गढ़ के पास बाजार में मुख्य सडक़ पर लीला का मंचन होता है।


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