Maa with Child |
Maa with Child |
काँधे दुखे बाबू के
रिश्ते नाते रहगे रै बस
साळी और साडू के...
मांगे धनपत लखमीचन्द के
सांग देखण जाया करते
ब्याह सगाई रिश्ते
नाई बामण करकै आया करते
नीम जाळ के रूखां पै चढ़
पीळ नींबोळी खाया करते
बाबू छो मै आजाता तो
दिखै दामण मैं लुक जाया करते
डंडा बित्ती डळा लकोई
खेल होवैं थे जादू के
कड़या री माँ की गोदी दुखे
दुखे कांधे बाबू के...
ब्याह शादी मैं बान बिठाणा
ला ला कै मटणा नुहाणा
भाभी से श्याही घलवाणा
नाई कै वो मोड़ बंधाणा
बनड़े कै फेर तेल चढ़ाणा
बुआ भाण का मंगल गाणा
साइज़ छोटे बणगे रै इन
भातियां आळे लाडू के
कड़या री माँ की गोदी दुखे
दुखे कांधे बाबू के....
कुणबा कठ्ठा होकै नै
फेर करण लामणी जाणा रै
रैड़ू गाडी भर कै लाण की
गेर पैर मैं गाणा रै
ल्याकै तिपाई चढ़ ऊपर
फेर छाबड़ी ले बरसाणा रै
भूरळी तारण खातर उसपै
मांझण का लहराणा रै
टूटी जूती पाटा कुरता
बटण टूट रे बाजू के
कड़या री माँ की गोदी दुखे
दुखे कांधे बाबू के....
चार पहर तै पहले उठ कै
हळ जोड़ कै भाणा रै
ठा कै झाला घाल ज्वारा
रोटी ले कै जाणा रै
घी के पीपे भरे रवैं थे
शक्कर गेल्यां खाणा रै
म्हांस खोल पाळियां नै झोड़ पै
गोते मार नहाणा रै
आग लाग गी म्हैंस भाज गी
खागे गेहूं राजू के
कड़या री माँ की गोदी दुखे
दुखे कांधे बाबू के....
बणा कै टोळी धर कै दोघड़
गीत गांदी जाया करती
तड़कै सांझा गाळां के मैं
रोणक सी बण जाया करती
होक्का भर कै बैठ गये
ओड़ै बात ज्ञान की पाया करती
ब्याही थ्याइ नई बोड़िया
घूंघट मैं शरमाया करती
सामण कातक मागण के वै
गीत गांदी भादू के
कड़या री माँ की गोदी दुखे
दुखे कांधे बाबू के....
कोहणी कै बंधी नेजू बाल्टी
कुवे पै पणिहारी देखी
सीपी चिमटा पलटा बेचती
हामनै गडे लुहारी देखी
कापण कुलिया मटका बिलोणी
दाणा मैं देंदी कुम्हारी देखी
बदलती दुनियादारी देखी
कोए कहे की मानै ना
यें बाळक रहे ना काबू के
कड़या री माँ की गोदी दुखे
दुखे कांधे बाबू के....।।
#शेखावाटीअँचल
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