लुगाई बोली : सुणो
हो के थे,
आपां एक भैंस
लियावा ।
मोट्यार: -बावळी तनै
बैठी सुती न
के भैस ही
दिखे, भैंस को
काम घणो करङो
होया करे, कुण
करसी ?
लुगाई बोली:- देखोजी
काम तो आपां
मिलजुल के करल्यां
किं थे कर
लीज्यो, किं मै
करलेस्यू । घर
मै खाण ने
दुध दही को
लगावण होजी सी,
दो पीसा मजूरी
हो जीसी ।
मोट्यार:-- बात थारी
स्याणी है ।
कमाई होई जणा
टाबरां न पढा
लिखा के मिनख
बणाद्या आपां तो
कोनी पढ्या पण
टाबरां न पढालेस्यां
।
लुगाई बोली ----अजी
सुणे है के
मोट्यार ----के कह
है ।
लुगाई: --मै मेरी
मां क दही
दुध दे के
आस्यू बा घणी
राजी होसी मेरा
भतीजा भतीजी भी
दुध दही खा
लेसी ।
मोट्यार --तेरी बळद्याऊं,
भैंस का पीसा
काटस्यू मैं दुध
दही खासी तेरे
पीरे का
लुगाई: --तो कांई
होयो जी मेरा
भाई भतीजा खाग्या
तो कांई आंट
होगी ।
मोट्यार --मै तो
धार के मुण्डो
ही कोनी लगाण
देऊं जे कोई
आसी तो डांग
सरकास्यू ।
लुगाई: --मेरे भाई
भतीजा क डांग
मारस्यो मै थारो
भोभरो फोङ देस्यू
। (दोनूं दे
मार दे मार
लङबा लागग्या पङोसी
भेळा होग्या )
पङौसी -- भाई के
होयो किंया आपस
मं लङरया हो
।
मोट्यार --लङने की
तो बात ही
है आ म्हारे
घरआळी भैंस को
दुध आपके भाई
भतीजा न ले
जार देव, मै
ले ज्याण कोनी
द्यूं भैंस की
सेवा करां म्हे
दुध दही खावे
इंक घर का
?
पङोसी --या बात
तो माङी है
भौजाई थारे पीहर
का दुध
दही कियां खावे ।
दही कियां खावे ।
लुगाई: --अजी देवरजी
म्हारे पीहर का
दुध दही खा
लियो
तो कांई होग्यो ।
तो कांई होग्यो ।
पङौसी --बात तो
साची है भोजाई
,पण थारी भैंस
है
कठै कांई चरबा गई है के
कठै कांई चरबा गई है के
घर की
धीराणी -- ना देवर
जी भैंस तो
म्हे खरीदस्यां,
ओज्यूं म्हे खरीदी कोनी ।
ओज्यूं म्हे खरीदी कोनी ।
पङौसी बेहोश :) ;) ;) :)
1 टिप्पणियाँ
बहुत सुन्दर 😂😂😂मजो आग्यो सा
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