बोलो धत्त तेरे की - कविता

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बोलो धत्त तेरे की - कविता

नमस्कार को टाटा खाया,
Hot Milk at sweets shop
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नूडल को आंटा !
अंग्रेजी के चक्कर में हुआ बड़ा ही घाटा !!
!! बोलो धत्त तेरे की !!

माताजी को मम्मी खा गयीपिता को खाया डैड !
और दादाजी को ग्रैंडपा खा गये
सोचो कितना बैड !
!! बोलो धत्त तेरे की !!

गुरुकुल को स्कूल खा गया,
गुरु को खाया चेला !

और
सरस्वती की प्रतिमा पर उल्लू मारे ढेला !!
!! बोलो धत्त तेरे की !!
चौपालों को बीयर बार खा गया,
रिश्तों को खाया टी.वी. !
और देख सीरियल लगा लिपिस्टिक  
बक-बक करती बीबी !
!! बोलो धत्त तेरे की !!

रस्गुल्ले को केक खा गया और दूध पी गया अंडा !
और दातून को टूथपेस्ट खा गया,
छाछ पी गया ठंढा !
!! बोलो धत्त तेरे की !!

परंपरा को कल्चर खा गया
हिंदी को अंग्रेजी !
और दूध-दही के बदले चाय पी कर बने हम लेजी !
!! बोलो धत्त तेरे की !!

किसानी को नोकरी खा गई
व्यापार को walmart !
भरे घर में नही ब्याहेंगे बेटी
अकेला लड़का बनेगा दामाद!!
!! बोलो धत् तेरे की !!

फैशन में दुनिया बदल गई
गरीब को जरूरत भर दरकार
!! बोलो धत तेरे की !!

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1 टिप्पणियाँ

  1. Hindi humari rastra भाषा है इसीलिए किसी ने comment nahi kiya ye बहुत अच्छा h 👌👌👌👌👍👍👍👍👍👍

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