म्हारे मरुधर देश रा प्यारा ढाणी-गाँव - कविता

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म्हारे मरुधर देश रा प्यारा ढाणी-गाँव - कविता

म्हारे मरुधर देश रा प्यारा ढाणी-गाँव
म्हारे मरुधर देश रा प्यारा ढाणी-गाँव
Girl swing swing
Girl swing swing

कोरा कोरा मटका रो सोंधो -सोंधो पाणी।
गर्मी रा मौसम को कलेवो, छाछ -राबड़ी और धाणी
पीपल अर खेजडा री, ठंडी शीतळ छांव
म्हारे मरुधर देश रा प्यारा ढाणी-गाँव ।।
पावणा रो अठे होव मोकलो सत्कार
टाबर, जिव -जिनवारा हेत रो पुचकार
सीधा सांचा लोग अठा रा, त्योंहारा रो चाव
म्हारे मरुधर देश रा प्यारा ढाणी-गाँव ।।
केर कमटिया सांगरी का मेवा री सुवास
धर्म दान और वीरता रा मंड्या पड्या इतिहास
नर -नारयां रो अठे, फुटरो बणाव्
म्हारे मरुधर देश रा प्यारा ढाणी-गाँव ।।
प्याऊ ठंडा पानी का, हेला रो हेत अठे
मीठी बोली ऱी अपणायत सोना जेड़ी रेत् कठे
दुबड़ी ऱी जड़ की तरियां, आपस रो जुडाव
म्हारे मरुधर देश रा प्यारा ढाणी-गाँव ।।

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