चूरू
बारिश की बेरुखी से धरती पुत्रों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। 15 अगस्त के बाद बारिश नहीं होने से बोई गई फसलें मुरझाने के कगार पर पहुंच चुकी है।
कृषि विभाग की मानें तो इस बार नौ लाख 83 हजार 400 हैक्टेयर पर बोई गई खरीफ फसलों को 15-35 फीसदी का नुकसान हो चुका है।
अब भी बारिश नहीं हुई तो फसल नुकसान का ये आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ेगा। ऐसे में किसानों की बुआई के लिए खरीदे गए बीजों की लागत निकलनी भी मुश्किल हो जाएगी।
मूँगफली में लट की मार
बारिश की बेरुखी के साथ मौसम की मार ये रही कि मूंगफली व मूंग में लट की मार ने किसानों पर दोहरी मार कर दी। बारिश और फसलों में कीड़ों की मार से पीडि़त किसान अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
गत वर्ष से 128 एमएम कम बारिश
कलक्ट्रेट की भू-राजस्व शाखा के मुताबिक गत वर्ष जिले में औसतन 472 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। मगर इस बार हुई कम बारिश के कारण इस बार औसतन 384.83 एमएम बारिश हुई। जो गत वर्ष से 128 एमएम कम है।
बिजली पूरी नहीं,कैसे चले मोटर
राजलदेसर ञ्च पत्रिका. गांव बाढ़ा की ढाणी के किसानों ने मंगलवार को विद्युत निगम के सहायक अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन कर विद्युत आपूर्ति में सुधार की मांग की।
किसान बजरंगलाल शर्मा, बाबूलाल बावरी, नेमीचन्द धेतरवाल, पतराम नाई, राजकुमार बेनीवाल व भंवरसिंह ने बताया कि बाढ़ा की ढाणी फीडर से पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। सप्लाई के दौरान बार-बार ट्रिपिंग होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
गांव में करीब 70 कृषि कनेक्शन हैं। किसानों ने रतनगढ़ जाकर निगम के सहायक अभियंता आरके मीणा को ज्ञापन सौंपकर बाढ़ा की ढाणी व तेजाधाम फीडर को अलग-अलग करने की मांग की।
इस संबंध में सहायक अभियंता आरके मीणा का कहना है कि 132 केवी जीएसएस से वॉल्टेज कम आने के कारण आपूर्ति में व्यवधान आ रहा है। शीघ्र ही सही करवा दिया जाएगा।
बारिश के इंतजार में झुलसने लगी फसलें
घांघू ञ्च पत्रिका. किसान रामचंद्र रेवाड़ ने बताया, बाजरे व ग्वार की फसलें बारिश के अभाव में झुलसने लगी हैं। चंवला व मोठ की फसलें अधपकी ही झुलस गई है।
जिसकी लावणी शुरू कर दी है। गांव श्योदानपुरा के बजरंग गेट ने बताया, चार-पांच दिनों में बारिश हुई तो फसलों को कुछ फायदा होगा।
वरना सारी फसलें सूख जाएंगी और किसानों को नुकसान होगा। गांव ढाढऱ, लाखाऊ, दांदू, श्योदानपुरा, बास जैसेका, राणासर, लादडिय़ा व आसलू आदि गांवों में भी किसान मायूस हैं।
इन फसलों को इतना नुकसान
बाजरा 30-35
मोठ 15-25
मंूग 20-30
ग्वार 20-30
तिल 15-20
मूंगफली 15-20
चंवला 20-25
(स्रोत: कृषि विभाग चूरू, नुकसान प्रतिशत में)
अब तक यहां इतनी बारिश एमएम
उपखंड बारिश
सरदारशहर 522
सुजानगढ़ 460
तारानगर 433
चूरू 345
राजगढ़ 291
रतनगढ़ 258
औसत 384.83
इस वर्ष हुई अनुमानित बुआई हैक्टेयर
फसल अनुमानित बुआई
ग्वार 430000
बाजरा 277000
मोठ 252000
मूंगफली 53000
मूंग 41000
तिल 2650
चंवला 800
हरा चारा ---- 1480
कुल 1057930
15-35 फीसदी हुआ नुकसान
इस बार लगातार लंबे अंतराल तक बारिश नहीं होने से कुल बोई गई फसलों में 15-35 फीसदी तक नुकसान हो चुका है। अब भी बारिश नहीं हुई तो फसल खराबे का प्रतिशत बढ़ेगा।
कमल किशोर, सहायक निदेशक कृषि विभाग, चूरू
वर्तमान में बारिश नहीं होने से ग्वार में 30, बाजरा में 30-35 व मूंग में 25-30 मोठ में 20 प्रतिशत खराबा हो चुका है। अब भी दो-तीन दिनों में बारिश हो जाए तो फसलों की स्थिति सुधर सकती है।
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