Ae Gaam hai saa - Rajasthani Poem

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Ae Gaam hai saa - Rajasthani Poem

गाम है सा ...


गाम है सा
थे तो सुणयो होसी ...
अठै अन्न-धन्न री गंगा बैवै है
अठै रा मिनख घणैइ मजै म्है रैवै है

बीजळी ?
Village Life
Village Life

ना सा, जगण आळी बीजळी रो अठै कांइं काम ?
अठै तो बाळण आळी बीजळियां पड़ै है
कदै काळ री,
कदै गड़ां री,
कदै तावड़ै री
जिकी टैमो-टैम चांदणो कर देवै है
गाम है सा
अठै रा मिनख घणैइ मजै म्है रैवे है ...

दुकान ?

ना सा, बा दुकान कोनी
बा तो मसाण है
जिकी मिनख तो मिनख,
बांरै घर नै भी खावै है
बठै बैठ्यो है एक डाकी,
जिको एक रुपियो दे'
दस माथै दसकत करावै है
पैली तो बापड़ा लोग,

आपरी जागा,
टूमां अर बळद
अढाणै राख' करजो लेवै है
पछै दादै रै करज रो बियाज
पोतो तक देवै है
करजो तोई चढय़ो रैवे है
गाम है सा
अठै रा मिनख घणैइ मजै म्है रैवै है ...

डागदर?


डागदर रो कांई काम है सा?
बिंरौ कांई अचार घालणो है?

अठै पैली बात तो कोई बीमार पड़ै कोनी
अर पड़ जावै तो फेर बचै कोनी
जणां डागदर री अणूती भीड़ कर'
कांई लेवणो?
ताव चढ़ो के माथो दुःखो
टी.बी. होवो चाये माता निकळो
अठै रा लोग तो
घासो घिस-घिस अर देवै है
अनै धूप रामजी रो खेवै है
गाम है सा
अठै रा मिनख घणैइ मजै म्है रैवै है
Rajasthani Village Life
Rajasthani Village Life



रामलीला?
थानै रामलीला दीठै ?
तो पेटलीला है सा
जिकै म्है घर रा सगळा टाबर-टिंगर लड़ै है,

कुटीजै है ...
पेट तो किंरो कोनी भरै,
पण ...

मूंडो तो ऐंठो कर लेवै है
जणा तो दुनिया कैवै है
गाम है सा
अठै रा मिनख घणै मजै म्है रैवै है

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