एक दिन, पड़ोस का छोरा आ के
बोल्या-
रे चाचा अपड़ी इस्त्री दे दे...!!
चाचा अपनी जनानी की ओर
किया इसारा और बोला- ले
जा,
वा बैठी..!!
छोरा चुप चाप देखन लाग्या...!!
बोला- चाचा यो नहीं, कपडे
वाली..!!
चाचा बोल्या- भले मानस,
यो तन्ने
बैगर कपड़े दीख है के..??
छोरा गुस्से में चीखा- रा चाचा
बावळा ना बन,
करंट
वाली इस्त्री..!!
चाचा- बावले,
हाथ ते लगा के
देख...!!
ना मारे करंट,
फेर बात कर...!
बोल्या-
रे चाचा अपड़ी इस्त्री दे दे...!!
चाचा अपनी जनानी की ओर
किया इसारा और बोला- ले
जा,
वा बैठी..!!
छोरा चुप चाप देखन लाग्या...!!
बोला- चाचा यो नहीं, कपडे
वाली..!!
चाचा बोल्या- भले मानस,
यो तन्ने
बैगर कपड़े दीख है के..??
छोरा गुस्से में चीखा- रा चाचा
बावळा ना बन,
करंट
वाली इस्त्री..!!
चाचा- बावले,
हाथ ते लगा के
देख...!!
ना मारे करंट,
फेर बात कर...!
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