आपणो शेखावाटी - Aapno Shekhawati - Poem

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आपणो शेखावाटी - Aapno Shekhawati - Poem

Old People in Village chowk
Old People in Village chowk
चढतो जोबन चाँद ज्यू, चहुदिस फैले प्रकाश
देवी जड़ो ज्यारो, अफ्सरा भरे उसास,
होठ सांवलो हद करे, ज्या पे फुल जड़े मुस्कान
लट घुंघराली लहरता, ज्या री पड़े अनोखी छांट,
बांह ताई सोवे चुडलो, हाथा में हथफूल जी,
चाले मुदरी चाल माथे बवडेला को भार जी,
ठोकर सु ठुकरावे गजबण घाघरो
आसमानी लहंगो पहरीयो, जुतिया चरड़ मरड़ की !!


लाम्बो घुंघट काड्यो मुंडा पे माथै लुकड़ी मलमल की,
टुकिया वाली पेरी कांचळी, कुर्ती में लागे नार रूपाळी !
चंचल नैण चकोरी जद घूंघट में शरमावै जी,
काजळियै री कोर बैवतां रा हिवडा भरमावै जी,
पीळो हांडो, लाल ओढणी, बादळियै ज्यूं केश जी
हरियो घाघरो, सात सुरंगी, पणिहारो रो भेश जी,
काजळिया नैणा री कोर में बैठ्यो सरमावे
फूल गुलाबी मुखड़े पर क्यूँ लाज गुलाल लगावै
अंगड़ाया सु छेड़ै दर्पण में गुपचुप बतळावे
ऊँची मेड़ी लाल पिलंग रा सपना भरमावे !!

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