मालकेतु बाबा की 24 कोसी परिक्रमा शुरू, संत महंत पालकी लेकर रवाना (Shekhawati News)

gadstp

मालकेतु बाबा की 24 कोसी परिक्रमा शुरू, संत महंत पालकी लेकर रवाना (Shekhawati News)

उदयपुरवाटी

अरावली की वादियों में एक बार फिर श्रद्धा की बयार बहने लगी। पहाड़ियां जयकारों से गूंज उठी। सावन में कावड़ियों की धूम थमी ही थी कि रविवार को मालखेत बाबा के जैकारे लगने लगे। मालकेतु की 24 कोसी परिक्रमा का नेतृत्व करते हुए सैकड़ों संत महंत ठाकुरजी की पालकी लेकर लोहार्गल से रवाना हुए।

अखिल भारतीय चतुर्थ संप्रदाय के अध्यक्ष चारोड़ा धाम खंडेला के महंत दिनेशदास महाराज के नेतृत्व में निकाली जाने वाली पालकी इस बार उनके गुरुभाई रामकुमार दास कोटड़ी के नेतृत्व में निकाली गई। ठाकुरजी के साथ सैकड़ों साधुओं ने सूर्यकुंड के पवित्र जल में स्नान किया। उन्होंने प्राचीन रीति-रिवाज के अनुसार ठाकुरजी की पूजा-अर्चना की तथा कुंड के फेरी लगाकर भगवान के जयकारे लगाते हुए परिक्रमा पर रवाना हुए।
संतो ने गणेश मंदिर के निकट थोड़ा ठहराव किया चिराना होते हुए घाटी चढ़कर देर रात किरोड़ी पहुंचे। संत महात्माओं ने तीर्थस्थल किरोड़ी के मंदिर में रात्री विश्राम किया। उनके साथ आगे-पीछे हजारों की तादात में अन्य श्रद्धालुओं ने भी अपनी परिक्रमा शुरू की।

पड़ाव स्नान

किरोड़ी,शाकंभरी, नागकुंड, टपकेश्वर, शोभावती, रघुनाथगढ़ रामपुरा के जलाशयों में परिक्रमार्थी स्नान करेंगे। अमावत तक ये वापस लोहार्गल पहुंचकर सूर्यकुंड में स्नान करके मालकेतु मंदिर में दर्शन करेंगे।

परिक्रमा में ठाकुरजी की पालकी के साथ अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, बिहारी सहित कई स्थानों के रामशरणदास, बाबा अर्जुनदास, शिवचरणदास, शिवशंकर दास, रामावतार दास, श्यामदास, बाबा रामप्रिय दास, महेंद्र दास, सत्यनारायण दास, रामदुलार दास, कासी दुखरन दास, अत्कारी दास, हरदेवदास, कमेश्वरदास, रामकुमारदास, महात्यागी अर्जुनदास, रामकुमारदास सहित कई संत, महंत, त्यागी, महात्यागी, तपस्वी साधु ठाकुरजी के साथ परिक्रमा कर रहे हैं।

मालखेत बाबा की परिक्रमा शुरू करने से पहले लोहार्गल के सूर्यकुंड में स्नान किया जाता है। इसके बाद कुंड के पूरब दिशा में स्थित सूर्यमंदिर में भगवान सूर्यनारायण के दर्शन करके परिक्रमा करने की इजाजत लेने की परपंरा है। विभिन्न मंदिरों में दर्शन करते हुए पहाड़ी पर स्थित मालकेतु मंदिर में धोक लगाकर परिक्रमा शुरू की गई। विभिन्न मंदिरों में श्रद्धानुसार दान-पुण्य किया गया। शाम को परिक्रमा किरोड़ी धाम पहुंची। यहां से सोमवार को रवाना होगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ